200 में से ट्राइबल जातियों के 27 एमएलए फिर भी 25 विधायकों को ट्राइबल बहुल इलाके में नहीं मिली एक भी एसटी पालिकाध्यक्ष सीट

प्रदेश के 11 जिलों में 25 सीटें जनजाति (एसटी) बहुल हैं और 2 जनरल की सीटों पर एसटी वर्ग के एमएलए जीत कर इस बार आए। हर विधानसभा के औसतन 2 लाख से अधिक वोटों पर पकड़ कारण पंद्रहवीं विधानसभा में कुल 27 एमएलए एसटी वर्ग के हैं, लेकिन 196 स्थानीय निकाय प्रमुख लॉटरी में एसटी वर्ग को एमएलए जितनी भी सीटें भी नहीं मिली।

एसटी के नाम पूरे 33 जिलों में सिर्फ चार जिलों की छह पालिकाध्यक्ष की लॉटरी निकली हैं। यह लाॅटरी की प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। पालिकाओं का आकार औसतन 20 से 50 हजार आबादी का है। इतनी छोटी जनसंख्या के बावजूद पालिकाओं में एसटी को 196 निकाय प्रमुख में से सिर्फ छह सीटें मिली है और 200 विधानसभा क्षेत्रों में एसटी वर्ग को हर बार 25 सीटें मिलती हैं। बड़े चुनाव में ज्यादा सीटें और छोटे चुनाव में कम सीटों से हर कोई हैरान है।

हैरानी इसलिए हैं कि जनरल के नाम 196 में से 121 पालिकाध्यक्ष की लॉटरी निकली। एससी को 16 फीसदी के अनुसार 30 सीटें, ओबीसी को 21 फीसदी के अनुसार 39 निकाय प्रमुख के लिए लॉटरी में अवसर मिले लेकिन एसटी को 12 फीसदी आरक्षण के अनुसार 24 की जगह मिली सिर्फ 6 सीटें मिलीं?

7 जिलों में 12 एसटी एमएलए जीते, लॉटरी में पालिकाध्यक्ष सीट एक भी नहीं

प्रदेश के 11 जिले एसटी बाहुल्य माने जाते हैं। लेकिन इनकी लॉटरी में 7 जिले ऐसे रहे, जिनमें एसटी के एमएलए 12 जीत कर आए हैं। लेकिन इन 12 एमएलए को अपने जिले में एक भी पालिका के प्रमुख की सीट एसटी वर्ग की नहीं मिली। ये जिले सवाईमाधोपुर, प्रतापगढ़, अलवर, करौली, बारां, दौसा, जयपुर हैं। जयपुर, करौली, दौसा, अलवर, प्रतापगढ़ प्रत्येक से एसटी के दो-दो एमएलए हैं। सवाईमाधोपुर और बारां में एसटी से एक-एक एमएलए हैं।

4 जिलों के 15 एसटी एमएलए को मिली सिर्फ 6 पालिकाध्यक्ष सीटें

एसटी बाहुल चार जिलों से 15 एसटी एमएलए इस बार जीत कर आए हैं। लेकिन इन 15 विधायकों के क्षेत्रों को पालिकाध्यक्ष की एसटी सीट 15 भी नहीं मिली। चारों जिलों को कुल छह एसटी पालिकाध्यक्ष सीटें मिली है। उदयपुर जिले से एसटी के पांच एमएलए हैं लेकिन एसटी पालिकाध्यक्ष कानोड़ और फतेहपुर से ही लाटरी निकली। बांसवाड़ा से भी एसटी के पांच एमएलए हैं लेकिन इस जिले में भी एसटी पालिकाध्यक्ष की लॉटरी केवल कुशलगढ़ और परतापुर गढ़ी की निकली। डूंगरपुर जिले से भी एसटी के चार एमएलए हैं लेकिन एसटी पालिकाध्यक्ष सिर्फ एक निकली। सिरोही से एसटी एमएलए पिंडवाड़ा से जीते हैं लेकिन एसटी पालिकाध्यक्ष की सीट माउंटआबू की निकली हैं, जहां सामान्य आबादी ज्यादा है।